इंट्रानेट बहुत सारे कंप्यूटर का निजी नेटवर्क होता हे। जो इंटरनेट प्रोटोकॉल की तक्नीक को मानता हे और उसी का उपयोग करता हे। इंट्रानेट से हमारी कंपनी की सुचना को सुरक्षित रूप से आदान प्रधान करने में सहिता करता हे। आसान भाषा में कहे तो इंट्रानेट किसी संस्था के अंदर का कंप्यूटर नेटवर्क हे।
वैश्विक नेटवर्क के विकास के साथ जुड़ा हुआ है। टिम बर्नर्स-ली और अन्य द्वारा 1989 में प्रस्तावित WWW का विचार, जिसका उद्देश्य कई विभिन्न स्रोतों तक कनेक्शन और पहुंच को सक्षम करना था, पहले आंतरिक नेटवर्क के लिए प्रोटोटाइप बन गया।
इंट्रानेट एक प्रकार का सॉफ्टवेयर हे और इसके दो मुख्या पोर्टल होते हे।
इंट्रानेट और एंटरप्राइज पोर्टल।
1.इंट्रानेट पोर्टल:- का इस्तेमाल आंतरिक सुचना को संयोजित करने के लिए किया जाता हे।
2.एंटरप्राइज पोर्टल:- को इनफार्मेशन पोर्टल के नाम से भी जाना जाता हे।
एपीआई का प्रयोग क्र लिए किया जाता हे , और इसका उपयोग मुख्यत रूप से
संस्थाओ की सुचना बहार भेजने के लिए किय जाता हे
स्टारलिंक को लेकर भारत में काफी चर्चा चल रही हे। हाल ही में स्टारलिंक के कॉम्पिटिटर जैसे: अमेज़न ने भारत को अपनी राइ दी और खा की स्टारलिंक को हमे भारत में नहीं लाना चाइये। ऐसे कई मुद्दे उठ रहे हे। पर कोशिश हे की स्टारलिंक को अप्रैल के महीने तक लाया जाये। और स्टारलिंक का मिशन दिसंबर कम्पलीट हो। अब ये मिशन दिसंबर आखिर हे क्या ?
स्टारलिंक का टारगेट हे की उसे अपना नेटवर्क दिसंबर तक पुरे इंडिया में फैलाना और २,00 ,000 नए कनेक्शन ऐड करना हे।
जितने भी स्टारलिंक को चलाने वाले यूजर हे उनको कंपनी की तरफ से एक डिश टीवी , राऊटर , पावर सप्लाई, माउंटेन ट्रिपॉड मिलती हे।
इसकी एक APP आती हे जो गूगल पर उपलभ्ध हे। ये APP जब इस्तेमाल होती हे जब आप झा रह रहे हो व्हा का मौसम क्लियर न हो। ऐसे में आप अपने फ़ोन से उसको ऑपरेट कर सकते हे।
Elon musk की कंपनी स्टारलिंक नेटवर्क का जादू अभी कुछ ही देशो तक पहुँच पाया हे